मैं तुम हां पानू से मन फिराबे कौ बपतिस्मा देत आंव, पर जो मोरे बाद आबेवारो आय, बो मोय से बली आय; मैं ऊकी पनईयां उठाबे के लाक नईंयां, बो तुम हां पवित्र आत्मा और आगी से बपतिस्मा दै है।
धन्न आंय बे चाकर, जिन हां उन कौ मालक आके जागत पाबे; मैं तुम से सांसी कैत आंव, कि बो कमर बान्ध के उन हां भोजन कराबे हां बैठा है, और ऐंगर आन के उन की सेवा कर है।
और हेरो, प्रभु कौ एक सरगदूत एकाएक आ गओ: और ऊ कुठरिया में उजयारो चमको: और ऊ ने पतरस की पसुरिया में हाथ मार के ऊहां जगाओ, और कई; तुरतईं उठो, और ऊके हाथन से जंजीरें गिर पड़ीं।
बो बायरें कड़ो और ऊके पाछें पाछें चलो गओ; पर ऊ की समझ में जौ नईं आ रओ हतो, कि जो कछु सरगदूत कर रओ आय, बो सांची आय, पर ऊ ने जा सोची, कि मैं कोई दरसन हेर रओ आंव।