12 जब ऊहां जौ मालूम भओ तो ऊ यूहन्ना की मताई मरियम के घरै गओ, जौन मरकुस सोई कहात आय; जिते बिलात लोग जमा होकें प्रार्थना कर रए हते।
बरनाबास और शाऊ ल जब अपनो काज पूरो कर चुके, तो यरूशलेम से लौटे, और अपने संग्गै यूहन्ना हां सोई, जौन मरकुस कहात आय लेत आए।
ई तरहां पतरस जेलखाने में धरो गओ, पर मण्डली ऊके लाने परमेसुर से एक मन से प्रार्थना करत रई।
पौलुस और ऊके संग्गी पानू की गैल से होकें पाफुस से पंफूलिया के पिरगा में आए: और यूहन्ना उनहां छोड़ के यरूशलेम हां लौट गओ।
सलमीस पहुंच के, उन ने यहूदियन के प्रार्थनाघरन में परमेसुर कौ परचार करबो शुरू करो; यूहन्ना उन कौ चाकर हतो।
बे जेलखाने से कड़ के लुदिया के घरै गए, और उतईं भाईयन से मिलके उनहां हिम्मत बंधाई, और उन से विदा भए।
पंचयात से छूट के पतरस और यूहन्ना अपने संगियन के ऐंगर आए, और जो कछु प्रधान याजकों और बूढ़े पुरनियन ने उन से कओ हतो, उन हां सुना दओ।
अरिस्तर्खुस जौन मोरे संग्गै जेहल में आय, और मरकुस जौन बरनबास को भईया लगत आय (जीके लाने मैंने कई हती कि जब बो तुम लौ आबै, तो उनकी अच्छी खुसामद करियो)।
लूका मोरे संग्गै बनो आय: मरकुस हां संग्गै लैके मो लौ चलो आ; कायसे सेवा के काज में ऊ बड़े काम को आय।
और मरकुस और अरिस्तर्खुस और देमास और लूका जौन मोरे संग्गै काम करत आंय, तोहां नमस्कार कैत हैं।
और बाबुल में तुमाए घांई जौन नबेरे भए मान्स आंय, बे और मोरो पूत मरकुस तुम हां नमस्कार कैत आंय।