10 ऊहां भूख लगी, और कछु खाबे की चाहना हती; पर जब बे औरें तईयारी कर रए हते, तो ऊ गैर होस हो गओ।
भुनसारे नगर हां लौटती बेरा ऊहां भूख लगी।
बो चालीस दिना, और चालीस रात, उपासो रहो, और ऊहां भूख लगी।
मैं याफा नगर में प्रार्थना कर रओ हतो, मैंने बेसुध होकें एक दर्शन हेरो, कि एक बड़ी चदरा घांई कोऊ बस्त, चारऊं कोने से लटकत भई, आकास से उतर रई आय, बो ठीक मोरे ऐंगर आ गई।
फिन ऐसो भओ की जब मैं यरूशलेम लौट के मन्दर में प्रार्थना कर रओ हतो, तो मैं बेसुध हो गओ।
एक दिना परमेसुर ने मोरी आत्मा हां लओ, और मैंने अपने पछारें तुरही जैसी बड़े जोर की आवाज सुनी।