1 कैसरिया में कुरनेलियुस नाओं कौ एक मान्स हतो, जौन इतालियानी नाओं की पलटन कौ सूबेदार हतो।
तब राज्यपाल के सिपाही यीशु हां किले में लै गए, और उते ऊके चारऊं कोद सबरे रोमी सिपाहियन हां जमा कर लओ।
तब दरोगा और जौन लोग ऊके संग्गै पहरा दै रए हते, जब उन ने भूंडोल और इन घटना हां देखो, तो बिलात डराके कई, सांची में “जौ परमेसुर कौ पूत हतो”।
और सिपाही ऊहां किले के भीतर आंगन में लै गए जौन प्रीटोरियुन कहाऊ त आय, और सबरी पलटन हां बुला लाए।
और कोऊ सूबेदार कौ एक बिलात प्यारो चाकर हतो, और रोग से मरबे पे हतो।
तब रोमी सेना के दल और सेनापति और यहूदियन के सिपाहियन ने यीशु हां पकड़ के बांध लओ।
तब यहूदा पलटन हां और महापुरोहितन और फरीसियन की कोद से सिपाहियन हां लेके, उते लालटेन, मशालें और हथियारों समेंत आओ।
दूसरे दिना बे कैसरिया पोंचे, और कुरनेलियुस अपने घर वारन और प्यारे दोस्तों हां जोड़ के उन की बाट जोह रओ हतो।
जब बे ऊहां मार डालबे हां हते, तो रोमी सिपाहियन के सेनापति हां जा खबर मिली, की सारे यरूशलेम में गड़बड़ी मच गई आय।
दूसरे दिना उते से चलकें हम कैसरिया पोंचे, और फिलिप्पुस सन्देस प्रचारक के घरै जाके जौन सातऊ में से एक हतो, ऊके इते ठहरे।
जब उन ने ऊहां चमड़ा के बंधन से बांधो तो पौलुस ने सूबेदार से जौन ऐंगरई ठांड़ो हतो, कई, का जौ सही आय, की एक रोमी मान्स हां कोड़े मारो, और बो भी बिना दोसी ठहराए?
तब ऊ ने दो सूबेदारन हां अपने ऐंगर टेर के कई; कैसरिया जाबे के लाने रात नौ बजे लौ दो सौ सिपाहियन, सत्तर घुड़सवार, और दो सौ भालैत तईयार धरियो।
जब घुड़सवार कैसरिया पोंचे, तो उन ने राज्यपाल हां पाती दई: और पौलुस हां भी ऊके आंगू हाजिर करो।
फेस्तुस ऊ परगना में पोंचबे के तीन दिना पाछें कैसरिया से यरूशलेम हां गओ।
जब बिलात दिना बीत गए तो राजा अग्रिप्पा और बिरनीके ने कैसरिया आके फेस्तुस से भेंट करी।
जब जौ ठहराओ गओ, की हम जहाज से इतालिया जाबें, तो उन ने पौलुस और दूसरे कैदियन हां राजसी सैनिक दल के संग्गै यूलियुस नाओं के एक सूबेदार हां सौंप दओ।
तो पौलुस ने सूबेदार और सिपाहियन से कई; अगर बे लोग जहाज पे नईं रएं, तो तुम नईं बच सकत।
पर सूबेदार ने पौलुस हां बचाबे की मनसा से उन हां ऐसो करबे से रोको, और हुकम दओ, की जौन तैर सकत आंय, बे पेंला कूद के धरती पे कड़ जाबें।
फिलिप्पुस अशदोद नगर में आ कड़ो, जब लौ बो कैसरिया नगर में न पोंचो, तब लौ नगर नगर सन्देसो सुनात रओ।