13 मोय तोहां और लिखने हतो; परन्त सियाही और कलम से नईं लिखो चाहत।
ऊको घरवारो यूसुफ ने जौन धर्मी हतो, ऊहां बदनाम करबो नईं चाहत हतो, और मसकई ऊहां छोड़ देबे की सोसी।
मोय तुम हां और बिलात बातें लिखबे हां आंय, परन्त कागज और सियाही से नईं लिखो चाहत; मोरी मन्सा आय, कि तुम लौ आओं और आमूं सामूं बतकाओ करों, जीसे मोरो और तुमाओ मन भरै।