20 बड़े लोगन के घर में सोने-चांदी केई बासन नईं, परन्त माटी और लकड़िया के बासन सोई होत आंय; कोऊ को आदर धरो जात आय, और कोनऊं को नईं।
यीशु ने उन से कई, मोय में दुष्ट आत्मा नईंयां; परन्त मैं अपने बाप कौ मान करत आंव, और तुम मोरो अपमान करत आव।
हे मान्स, भला तें को आय, जो परमेसुर कौ सामना करत आय? का बनाई भई बस्त बनाबेवारे से कै सकत आय कि तेंने मोय ऐसो काय बनाओ?
कायसे कि हम परमेसुर के संग्गै काम करबेवारे आंय; तुम परमेसुर की खेती और परमेसुर के बनाए भए आव।
अकेले हमाए लौ जा पूंजी माटी के घैलों में धरी आय, जौ बल हमाओ नईंया, परन्त परमेसुर को दओ आय।
जी में तुम सोई आत्मा में हो परमेसुर के रैबे की जांगा होबे के लाने, एकई संग्गै बनत जात आव।
मोरे आबे में तनक अबेर हो जाबै, तो ध्यान धरियो, कि परमेसुर को घर, जियत परमेसुर की मण्डली आय, जौन सांचे को खम्भा और उठी नी आय; ईमें कैसो चलो चईये ईपै ध्यान धरियो।
तुम सोई खुद जीयत पथरन की घांई आत्मिक घर बनत जात आव, जीसे याजकन कौ पवित्तर समाज बन के, ऐसे आत्मिक बलदान चढ़ाओ, जौन यीशु मसीह के परमेसुर हां भले लगत आय।