10 जौ सब ऊ दिना हुईये, जब पिरभू अपने मानबेवारन में जस पाहें, और सबरे बिसवास करबेवारन में अजूबा दिखा है; कायसे जौन बातें हम ने तुम हां बताई हतीं उन हां तुम ने मानो आय।
मैं तुम से सांची कहत आंव, कि जो इते ठांड़े आंय, उन में से कितेक ऐसे आंय; कि जब लौ मान्स के पूत हां ऊके राज्य में आत भए न हेर लै हैं, तब लौ मृत्यु कौ सुवाद कभऊं न चीख हैं।
ऊ दिना बिलात लोग मोसें कै हैं; हे पिरभू, हे पिरभू, का हम ने तोरे नाओं से आगे की बातें नईं बताईं, और तोरे नाओं से भूत प्रेत हां नईं काड़ो, और तोरे नाओं से बिलात अचरज के काम नईं करे?
सो हम परमेसुर को धन्न मानत आंय; कि जब परमेसुर की बातें तुम ने सुनीं, तो तुम ने ऊहां मान्सन की नईं, परन्त परमेसुर की बातें लेखी (जा सांची आय) और अब तुमाए जीवन में दिखात आय।
भईया हरौ, पिरभू के प्यारो हम हां चईये कि हम विशेषकर तुमाए लाने पिरभू को धन्न मानें, कि परमेसुर ने तुम हां पेंला से नबेरो; कि आत्मा से पवित्तर करके, और जौन सांची बातें तुम हां बताई गईं उनसे तुमाओ तरन तारन होबै।
धरम को भेद बड़ो आय ईको ध्यान धरियो; बो सरीर में होकें संसार में आओ जा बात आत्मा ने बताई, और सरगदूतन ने संसार मैं ईको परचार करो, मान्सन ने ऊ पै बिसवास करो और बो सरग पै उठा लओ गओ।
ऐई से मैं जे दुख उठा रओ आंव, और लजात नईंयां, कायसे मैंने जिन पै बिसवास धरो आय उन हां जानत आंव; और मोहां पक्को आय, कि जौन जीवन मैंने उन हां दे दओ आय ऊहां साजो धरे रै हैं।
आगे परमेसुर जौन सांचे आंय मोरे काजें धरम को मुकुट धरें आंय, जौन मोहां दै हैं और मोहां नईं, परन्त उन हां सोई दै हैं, जौन उनके फिन के आबे की प्रेम से बाट तकें आंय।
पर तुम एक नबेरो भओ वंस, और राजपद अधकारी, याजकन कौ समाज, और पवित्तर लोग, और पवित्तर मान्स और परमेसुर की निज परजा आव, ई लाने कि जीने तुम हां अंधयारे में से अपनी जोत में बुलाओ आय, ऊके गुण परगट करो।