तब हनन्याह उठ के ऊ घर में गओ, और ऊ पे अपनो हाथ धर के कओ, हे भाई शाऊ ल, पिरभु याने कि यीशु, जौन ऊ गैल में, जीसे तें आओ आय तोहां दिखाई दओ हतो, ओई ने मोय पठैओ आय, कि तें फिन के तकन लगै और पवित्तर आत्मा से भरपूर हो जाबै।
परमेसुर की ऊ किरपा से, जौन मो पे भई, मैंने एक साजे कारीगर घांई नीं डाली आय, और दूसरो जनो चुनाई करत आय; परन्त हर एक मान्स हुंसयार रैबै, कि बो ऊ पे कैसी चुनाई करत आय।
जिन ने ऊ बीती बेरा में हुकम न मानो जब परमेसुर नूह के दिना में धीरज धर ठैरो रओ, और जहाज बन रओ हतो, जीमें बैठ के तनक जने, जाने कि आठ प्रानी पानू से बच गए।
पिरभु अपने कौल के विषय में अबेर नईं करत, जैसो कि कितेक जनें समजत आंय; बो नईं चाहत कि कौनऊं मान्स नास होबे; परन्त जौ कि सबई हां हिया बदलबे कौ मौका मिले।