16 परन्त ऊ ए अपने अधरम के काजें फटकार सुनने पड़ी, इते लौ कि मान्सन की भाषा न बोलबेवारी गदईया ने मान्सन के बोल से ऊ आगमवकता हां सिर्रीपन से हटको।
ई लाने कि जब तुम अधरम के धन में सांचे न ठैरे, तो सांसो धन तुम हां को दै है!
मैं आमतौर पे सब प्रार्थनाघर में जाके उनहां सताव करत हतो, और यीशु कौ ठट्ठा करबे हां उनहां दबाव डालबे की कोसिस करत हतो, और उन के बिरुद्ध बड़े गुस्सा से भर के बाहर के नगरन में भी उन कौ पीछा करत हतो।