14 उन की आंखें व्यभिचार से भरी आंय, बे अधरम करे बिना रै नईं सकत, बे चंचल मन वारन हां फुसला लेत आंय; उनके हिये लालच करबे की लत में पड़े आंय, बे सन्ताप के लरका बच्चा आंय।
हे ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो तुम पे श्राप! कायसे दिखाबे के लाने देरी लों प्रार्थना करत भए भी तुम बिधवाओं के घरन हां खा जात आव, ई लाने तुम हां भारी दण्ड मिल है।
उन से धोका न खाईयो जौन ऐसे दिखात आंय कि बड़े कोंरे मन के आंय, जौन सरगदूतन की पूजा करत आंय परन्त तुम हां ऊ इनाम से जौन तुम हां मिलो चईये ऊ में बिलोरा डालत आंय। ऐसो मान्स बेसमझी की बातें करत आय और स्वारथी आय।
बे लालच में आके लबरी बातें बना हैं और तुम हां अपने फायदा कौ कारन बना हैं, दण्ड़ कौ हुकम जो उन पे पेंला से हो चुको आय, और ऊके आबे में देर नईंयां, उन कौ नास झट्टई होबेवारो आय।
ऊ ने अपनी सबरी चिठियन में सोई इन बातन कौ बयान करो आय उन में कछु बातें ऐसी आंय, जिन कौ समजबौ कठन आय, मूरख और चंचल मान्स उन के मतलब को पवित्तर पोथी की और बातन की भांत ऐंचतान के अपने ई नास कौ काज बनात आंय।
कायसे जो कछु संसार में आय, जानो कि मान्स की अभलाखा, आंखन की अभलाखा, और अपनी कमाई पै घमण्ड, जे सबरी बातें परमेसुर के मन की नईंयां, परन्त संसार की बातें आंय।