इन सबरी बातन हां छोड़ हमाए और तुमाए मजारें एक भारी गढ्ढा ठैराओ गओ आय, कि जौन इते से ऊ पार तुमाए ऐंगर जाबो चाए, बे न जा सकें, और न कोऊ उते से ई पार हमाए ऐंगर आ सके।
ऊ रोटी के लाने मेहनत नईं करो जौन नास हो जात आय, परन्त ऊ रोटी के लाने जौन अनन्त जीवन लौ बनी रहत आय, जीहां मान्स कौ पूत तुम हां दै है, कायसे बाप यानि परमेसुर ने ओई पे अपनी छाप लगाई आय।
ऊंसई हे मन्सेलू हरौ, तुम सोई समजदारी से बईयरन के संग्गै जीवन बिताओ और बईयर हां अबला जान के ऊकौ मान करौ, और जौ समज के, कि तुम दोई जीवन के बरदान के हक्कदार आव, जीसे तुमाई बिन्तवाई रुक न जाबै।