परन्त परमेसुर की बातें जीमें नीं जैसी बैठ गई आंय, उन पै ऐसी छाप लगी आय कि परमेसुर उन हां चीनत आंय; जो कोनऊं परमेसुर को नाओं जपत आय, बो अधरम से बचो रै है।
और परमेसुर बाप के आगमज्ञान के अनसार, आत्मा के पवित्तर करबे के द्वारा हुकम मानबे, और यीशु मसीह के रकत के छिड़के जाबे के लाने नबेरे गए आंय। तुम हां बिलात आसीस और सान्ति मिलत रैबे।
ओई परमेसुर की बलसकती ने सबई कछु जौन जीवन और भक्ती से समबन्ध राखत आय, हम हां ओई की पैचान से दओ आय, जीने हम हां अपनी मईमां और साजे गुनो के अनसार बुलाओ आय।