इतनो नईं, मण्डली ने सोई सोचो कि दान के काम में बो हमाए संग्गै जाबे, सो हम जा सेवा ईसे करत आंय, कि पिरभू को मान बढ़े और हमाए मन को राजी होबो पता हो जाबे।
जे बातें सांची आंय, और मोरी जा चाहना आय, कि तें इन बातन हां खुल के बताए कि जीने परमेसुर पै बिसवास धरो आय, बे भले कामन में लगे रैबें, कायसे जे बातें बढ़िया और मान्सन के भले की आंय।