9 अब मोहां अच्छो लगो ईसे नईं कि तुम हां दुख भओ, अकेले ईसे कि तुम ने ई दुख से मन बदलो, कायसे जौन दुख तुम हां भओ बो परमेसुर की मरजी से तुम हां दओ हतो, कि हमाई ओर से तुम हां कछु हानि न होबे।
मैं तुम से कैत आंव; ऐई भांत एक हिया फेरबेवारे अधरमी के लाने सोई सरग में इतनी खुसी होत आय, जितनो के निन्नानबे ऐसे धरमियन के लाने नईं होत, जिन हां हिया फेरबे की जरूरत नईंयां।
कायसे हम अपने हिये की जा बात मानत आंय, कि और ऊ पै बड़वाई करत आंय, कि संसार में और तुमाए बीच हमाई चाल परमेसुर को भाबेवारी पवित्तर और सांची हती, और ऐसो संसार के ज्ञान से नोंई, अकेले परमेसुर की दया से भई।