7 अकेले ऊके आबे से नईं परन्त ऊके मन के चैन से, जौन ऊहां तुम लोगन से मिलो हतो; ऊ ने तुमाई मरजी, और तुमाए पिराते और तुमाई लगन के लाने हम हां सुनाओ, जीसे मोहां और आनन्द भओ।
मोरे मन की जा चाहना आय, कि मैं कभऊं नेंचो न हेरों, परन्त हिम्मत धरों कि पिरभू की बड़ाई मोरी देह से होत रैबे, जैसो अबै होत आय, चाहे मैं जीओं और चाहे मर जाओं।
परन्त अबई तीमुथियुस ने तुमाए ऐंगर से लौट के तुमाए बिसवास और पिरभू में तुमाए प्रेम की खबर सुनाई, कि तुम हम हां याद करत आव, और हम हां देखबे को मन करे आव, जैसो हम तुम हां देखबो चाहत आंय।
प्यारे जनो, मैंने जब तुम हां मुक्ति जौन हम सबन हां मिली ईके बारे में खुलके लिखो, तो मैंने सोची के जिन बातन पै तुमने बिसवास करो आय खुल के लिखो, कि तुम ऊ बिसवास की बातन हां मानो।