ई भांत सबरे यहूदिया, और गलील और सामरिया में मण्डली हां चैन मिलो, और ऊ की बढ़त होत रई; और बो पिरभु के डर और पवित्तर आत्मा की शान्ति में और आंगू बढ़त जात हती।
जिते लाखों सरगदूत के संग्गै परमेसुर के प्यारे जनें जीके नाओं सरग में लिखे आंय; और परमेसुर जौन न्यायी आय उन के संग्गै आय, और अच्छे मान्सन की आत्मा जीने पापन की छिमा पाई आय।
अब परमेसुर जौन सबरी दया कौ दाता आय, जीने तुम हां मसीह में अपनी सदा की मईमा के लाने बुलाओ आय, तुमाए तनक बेरा लौ पीड़ा उठाबे के पाछें खुद तुम हां सिद्ध, पक्को, सकतीवान और पक्को कर है।