12 तुमाए काजें हमाए मन में कछु गांठ नईंयां, अकेले तुमाए मन में गांठ लगी आय।
कायसे सकरो आय बो फाटक और सकरी आय बो गैल जो जीवन की कोद लै जात आय, और तनकई आंय जो ऊमें पिड़ पात आंय।
हम चारऊं कोद से दुख भोग रय आंय, अकेले हमाओ बुरओ नईं होत; हम पे काम नईं बनत, अकेले मन टूटो नईंयां।
हम हां अपने हिये में जांगा देओ: हम ने कोऊ पे न बेजा करो, और कोई हां नईं बिगाड़ो, और न कोऊहां ठगो।
पिरभू जौ जानत आय, कि मोरे हिये में तुम सबरन के लाने पिरभू यीशु मसीह जैसो प्रेम आय।
जी लौ संसार में बिलात जायजाद होबै, और बो अपने भईया हां कंगाल देख के तरस न खाबै, तो ऐसे मान्स में परमेसुर को प्रेम नईं रैत।