3 कि ऊहां पैरबे से हम उघारे नईं दिखाएं।
ई में तो हम गुहार भरत, और जा आस धरत आंय; कि अपने सरग के घर हां पहन लेबें।
ई डेरा में रैत बुझवा से दबे गुहार देत रैत आंय; कायसे हम उतारबो नईं, अकेले धरे रैबो चाहत आंय, कि जौन मरबेवारो आय बो जीवन में मानो डूब जाबे।
हेर, मैं भड़या घाईं आत आंव; धन्न बो आय, जो जागत रैत आय, और बो अपने उन्ना हां तके रैत आय, कि बो नंगो न फिरै, और मान्सन ऊकौ नंगापन न हेरें।
ई लाने मैं तोहां सम्मति देत आंव, कि आगी में ताओ भओ सोना मोसे मोल ले कि सांचऊ में धनी हो जाबै; और सफेद उन्ना लैके पैर ले कि तोहां नंगेपन जैसी सरम न होबै; और अपनी आंखें आंजबे हां बढिया सुरमा लै ले, कि तोहां दिखान लगै।