2 और हम ने बुरय कामन हां छोड़ दओ आय, और बनके नईं चलत, और न परमेसुर के बचन में कछु मिलात आंय, अकेले सांची बातें उजागर करत आंय, और परमेसुर हां जानत भए सबरन के हिये पै अपनी बात बैठा देत आंय।
सो जब लौ पिरभु न आबै, बेरा से पेंला कोऊ बात कौ न्याय न करो: ओई तो अंधयारे की लुकी बातें उजारे में दिखा है, और हियों के सोचों हां उजागर कर है, तब परमेसुर कुदाऊं से सबरन की बड़वाई हुईये।
कायसे हम अपने हिये की जा बात मानत आंय, कि और ऊ पै बड़वाई करत आंय, कि संसार में और तुमाए बीच हमाई चाल परमेसुर को भाबेवारी पवित्तर और सांची हती, और ऐसो संसार के ज्ञान से नोंई, अकेले परमेसुर की दया से भई।
कायसे हम बिलात जनों जैसे नईंयां, जौन परमेसुर की बातन में कछु दूसरी बातें जोड़ देत आंय; अकेले हिये से, परमेसुर की बातें परमेसुर हां मानो सजीव देखत मसीह में कैत आंय।