उन ने उत्तर दओ, हओ; और ऊने उन से कई, ई लाने हर एक शास्त्री, जौन सरग के राज्य की सीख पा चुको आय, ऊ घरईया के घांई आय जौन अपने घर से नई और पुरानी बस्त काड़त आय।
और परमेसुर ने मण्डली में अलग अलग मान्स राखे आंय; पेंला प्रेरित, दूजे अगमवकता, फिन गुरूजन, फिन अचरज के काम करबेवारे, फिन साजो करबेवारे, और भलाई करबेवारे, और मुखिया, और बिलात भांत की भाषा बोलबेवारे।
परमेसुर की ऊ किरपा से, जौन मो पे भई, मैंने एक साजे कारीगर घांई नीं डाली आय, और दूसरो जनो चुनाई करत आय; परन्त हर एक मान्स हुंसयार रैबै, कि बो ऊ पे कैसी चुनाई करत आय।
जौ सबरन हां पता आय, तुम मसीह की मानो चिठिया आओ, जीहां हम ने चाकर घांई लिखो आय; जा स्याही से नईं, अकेले जीयत परमेसुर की आत्मा से पथरन की पटिया में नईं, हिये की मांसवारी तखती में लिखो आय।
तें भईयन हां समझा के इन बातन की याद करा, तो तें यीशु मसीह को अच्छो सेवा करबेवारो हुईये: और बिसवास की बातन हां और जौन बातें सिखाई गई आंय, और जिन हां तें मानत आय, तें बढ़त रै है।
ई लाने कि मसीह ने सोई, जाने कि अधरमी जन के लाने धरमी ने पापन के काजें एक बेर पीड़ा भोगी, जीसे हम हां परमेसुर के ऐंगर पोंचाबें: बो देयां के लेखे से मार डालो गओ, पर आत्मा के लेखे से जिलाओ गओ।