2 हमाई चिठिया तो तुमई आओ, जौन हमाए हिये में उतरी आय, और ऊहां सबरे जनें पढ़त और मानत आंय।
पेंला मैं तुम सब के लाने यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेसुर कौ धन्यवाद करत आंव, कायसे के तुमाए बिसवास की खबर सबरे संसार में हो रई आय।
परमेसुर की ऊ किरपा से, जौन मो पे भई, मैंने एक साजे कारीगर घांई नीं डाली आय, और दूसरो जनो चुनाई करत आय; परन्त हर एक मान्स हुंसयार रैबै, कि बो ऊ पे कैसी चुनाई करत आय।
की काजें? का ईसे कि मैं तुम से प्रेम नईं करत? परमेसुर जौ जानत आय।
मैं जो कछु तुम हां चाने मैं बड़े खुलके खरचा कर हों, और खुद खरचा हो जैहों: का जितनो बढ़ के प्रेम मैं तुमसे करत आंव, का तुम उतनो घट के प्रेम मोसे कर हौ?
का हम अपनी बड़वाई करन लगें? और का हम मनो सिफारिस की चिठिया बिलात जनों से लियाबें, और का तुम से लैबें?
मैं तुम हां दोष देबे हां ऐसो नईं कैत: कायसे मैंने पेंला से तुम से कहो आय, कि तुम हमाए हिये में ऐसे बसे आव कि हम तुमाए संग्गै मरबे जीबे हां राजी आंय।
मैं एैसई तुम सब के लाने सोचत आंव, कायसे तुम सबरे जनें मोरे हिये में बसे आव, और चाहे मैं इते जेहल में आंव और सुसमाचार हां प्रचारत आंव तुम सबरे जनें मोरे संग्गै ठांड़े आव।
कायसे तुमाय इते से मकिदुनिया और अखया में सोई पिरभू को बचन सुनाओ गओ, परन्त तुमाए बिसवास की खबर सुनी ईके लाने हम हां और कछु नईं कैने।