ईपै यहोवा परमेसुर ने सुख दैबेवारी सुगन्ध पाकें सोचो, “कि मान्स के कारन मैं फिन कभऊं धरती हों स्राप नें दैहों, जबकि मान्स के मन में बचपन सें जो कछु पैदा होत आय ऊ बुरओ ही होत आय; तब भी जैसो मैंने सबरे जीवों हों अब मारो आय, बैसो उनहों फिन कभऊं नें मारहों।
मोरे लौ सब कछु आय, और बिलात सोई आय: जौन बस्तें तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथन पठैई हतीं बे मोहां बहुतई साजी लगीं, बे मानो ऊ बली जैसे आय, जी की गन्ध और बलदान से परमेसुर खुस होत आय।