1 अब तीसरी बेर तुम लौ आत आंव: दो और तीन गवाह जौन एक बात कै हैं।
अगर बो तोरी न सुनै, तो तें अपने संग्गै एक या दो जनें हां लै जा, कि हर एक बात दो या तीन गवाह के मों से सही पाई जाए।
हेरो, में तीसरी बेर तुम लौ आबे हां तईयार आंव, में तुम पे कछु बुझवा न धर हों; कायसे तुम मोरी जायजाद नईंयां, अकेले में तुम हां चाहत आंव: कायसे बाल-बच्चन हां मताई-बाप के काजें जायजाद नईं जोड़ो चईये, अकेले मताई-बाप हां बाल-बच्चन के लाने।