11 मैं मूरख तो बनो, अकेले तुम ने मोसे जौ जबरई करवाओ: तुम हां तो मोरी बड़वाई करो चईये, कायसे मानो में कछु नईंयां, अकेले उन सब बड़े बड़े प्रेरितन से कोई बात में घट नईंयां।
ऐई भांत से तुम सोई, जब उन सब कामन हां कर चुको जिन कौ हुकम तुम हां दओ गओ हतो, तो कओ, कि हम निकम्मे चाकर आंय; कि जौन कछु हम हां करबो चईये हतो हम ने बस ओई करो आय।
और जदि मैं अगमवानी कर सकों, और सब भेदों और ज्ञान को समजों, और मोय इते लौ पक्को बिसवास होबे, कि मैं पहारवन हां हटा देओं, परन्त प्रेम न धरों, तो मैं कछु लौ नईंयां।
जदि हम दुख में पड़े आंय, तो ईसे तुम हां सान्ति और तरन तारन के लाने आय और जैसे सान्ति मिलत आय, तो तुमाई सान्ति के लाने आय; जीके जोर से तुम चिमाने उन पिरातों हां सह लेत आव, जैसे हम सोई सहत आंय।