जब तुमाए संग्गै हतो, और मोहां घटी भई, तो मैंने कोनऊ पै बोझो नईं डालो, कायसे मकिदुनिया वारे भईयन ने आके, मोरी कभी घटी पूरी कर दई: और मैंने कोई बात मैं अपनो बुझवा तुम पै नईं डालो, और कभऊं न डाल हों।
मोरे लौ सब कछु आय, और बिलात सोई आय: जौन बस्तें तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथन पठैई हतीं बे मोहां बहुतई साजी लगीं, बे मानो ऊ बली जैसे आय, जी की गन्ध और बलदान से परमेसुर खुस होत आय।