5 मैं तो समझत आंव, कि में दूसरे बड़े प्रेरितन में से घट नईंयां।
परन्त मैं जो कछु आंव, परमेसुर की दया से आंव: और उनकी जौन दया मो पे भई आय, बा अकारथ नईं गई; परन्त मैंने उन सबरन से बढ़के मैनत सोई करी: जानो कि जौ मोरी कुदाऊं से नईं भओ परन्त परमेसुर की दया से जौन मो पे हती।