तुम अब लौ समझत हुईयो के हम तुमाए सामूं जबाव दे रए आंय, हम परमेसुर हां सामूं जान के मसीह में बोलत आंय, और भईया हरौ, जे सबरी बातें तुमाए बढ़बे के काजें कैत आंय।
ऐई से मैं जे दुख उठा रओ आंव, और लजात नईंयां, कायसे मैंने जिन पै बिसवास धरो आय उन हां जानत आंव; और मोहां पक्को आय, कि जौन जीवन मैंने उन हां दे दओ आय ऊहां साजो धरे रै हैं।