5 सो जौन विचार और बड़ी बड़ी बातें, जौन परमेसुर हां नईं चीनत आय, उन हां आड़े हाथ लेत आंय, और सब विचारन हां बस में करके मसीह की अग्यां मानबेवारे बना देत आंय।
ईपै यहोवा परमेसुर ने सुख दैबेवारी सुगन्ध पाकें सोचो, “कि मान्स के कारन मैं फिन कभऊं धरती हों स्राप नें दैहों, जबकि मान्स के मन में बचपन सें जो कछु पैदा होत आय ऊ बुरओ ही होत आय; तब भी जैसो मैंने सबरे जीवों हों अब मारो आय, बैसो उनहों फिन कभऊं नें मारहों।
ई काजें कि बे परमेसुर हां जानत हते, तो भी उन ने परमेसुर की बड़वाई और धन्नबाद नईं करो, परन्त अपने हियन से बेकार के सोच विचार करन लगे, और उन कौ अज्ञानी मन अंधेरो हो गओ।
परन्त मोय अपनी देयां में दूजे भांत की नेम व्यवस्था दिखात आय, जौन मोरी बुद्धि समज से लड़त आय, और मोय पाप अधर्म की नेम व्यवस्था के बन्धन में डालत आय जौन मोरे अंगों में आय।
जौन बिरोध करत आंय, उन हां जौन परमेसुर के मानबेवारे आंय, और अपने आप हां बड़ो कैत आंय, इते लौ कि बो परमेसुर के मन्दर में बैठ के अपने आप हां परमेसुर कैत आय।
कायसे परमेसुर के बचन जीयत, और बली आंय, जैसी दोई तरपेवारी तलवार, उनके बचन से आत्मा और जीव, और एक एक गांठ हां तोड़त आय, जब लौ हिये में का आय जौ न जान लैबे।
और परमेसुर बाप के आगमज्ञान के अनसार, आत्मा के पवित्तर करबे के द्वारा हुकम मानबे, और यीशु मसीह के रकत के छिड़के जाबे के लाने नबेरे गए आंय। तुम हां बिलात आसीस और सान्ति मिलत रैबे।