पवित्तर धर्म पोथी से जौन अध्याय बो बांच रओ हतो, बो जौ हतो; बो गाड़र की घांई वध होबे हां पोंचाओ गओ, जैसे मेमना अपने ऊ न कतरबेवारन के आंगू चुप चाप रैत आय, ऊं सई ऊ ने सोई अपनो मों न खोलो।
ई लाने हे भईया हरौ, मैं तुम हां परमेसुर की दया की याद करा के बिन्तवाई करत आंव, कि अपनी देयां हां जीयत, और पवित्तर, और परमेसुर हां साजो लगबेवारो बलिदान कर के चढ़ाओ: जाई तुमाई आत्मिक सेवा आय।
मैं जा बिन्तवारी करत आंव, कि तुमाए संग्गै मोहां निधड़क होकें ऐसो नईं करने आय; जैसे बिलात जनें हम हां अपने मन से चलबोवारो मानत आंय, बल से बात करो चाहत आंव।
सो तुम अपने बिसवास जौन तुम ने करो आय ऊ में पक्के बने रओ, और सुसमाचार सुने पै जौन आस तुमाई बढ़ी हती, जी को परचार ई संसार में भओ; जीहां मैं पौलुस ने तुम हां सुनाओ।