ऊ ने अपनी सबरी चिठियन में सोई इन बातन कौ बयान करो आय उन में कछु बातें ऐसी आंय, जिन कौ समजबौ कठन आय, मूरख और चंचल मान्स उन के मतलब को पवित्तर पोथी की और बातन की भांत ऐंचतान के अपने ई नास कौ काज बनात आंय।
बे हम में से निकले हते परन्त सांचई हम में के नईं हते; कायसे हमाए बीच के होते, तो हमाए संग्गै रैते, उन के निकल जाबे से पता पड़त आय कि बे हमाए बीच के न हते।