13 बे घर घर फिरती आंय, और आलसी हो गई आंय, और ऊके संग्गै फालतू बातें करतीं और जौन बातें नईं करो चईये।
ओई घर में रओ, और जौन कछु बे औरें तुम हां खाबे हां देबें, ओई खाओ पियो, कायसे मजूर हां मजूरी मिलबो चईये: घर घर न फिरियो।
और मैं कैसे तुमाए लाभ के लाने कोई भी बात बताबे से नईं झिझको, और सबई के सामूं और घरै घरै जाके तुम हां सन्देसो देत रओ।
और तुमाए बीच ऐसे लोग ठांड़े हुईयें, जौन चेलन हां अपने लिगां खेंच लैबे के लाने ऊंट पटांग बात कर हैं।
बे बुरई आंय, कायसे बे अपने पेंला वारे बिसवास से भटक गईं आंय।
उनकौ मों बन्द करो चईये, जे औरें पईसा ऐंठबे हां बुरई बातें बताके घर के घर बिगाड़त आंय।
एकई मों से धन्नबाद और कोसबो दोई कड़त आंय।
तुम में से कोऊ जनो हत्यारो, या भड़या, या कुकरमी होबे, या दूसरन के काम में अड़ंगा लगाबे के काजें पीड़ा न पाबै।
जब मैं आहों, तो ऊके कामन की याद दिला हों, और बता हों कि तें हम हां काए बुरओ कैत है; और इतईं नईं दूसरे भईयन हां बिरादरी में लैबे से मना करत आय; और दूसरन हां लैबे से हटकत आय, और बिरादरी से निकाल सोई देत आय।