20 उनई में से हुमिनयुस और सिकन्दर आंय जिन्हां मैंने शैतान के हाथन छोड़ दओ, कि बुरई बातें न करें।
अगर बो उन की भी न माने, तो मण्डली से कै दे, अगर बो मण्डली की भी न सुने, तो बो तोरे लाने गैर जातियन और चुंगी लेबेवारन के घांई कहाओ।
पर जब यहूदियन ने भीड़ हां हेरो तो बे जलन से भर गए, और ठट्ठो करत भए पौलुस की कही भई बातन कौ बरगलान लगे।
तब भीड़ में कछु लोग ने सिकन्दर हां, जीहां यहूदियन ने आंगू ठांड़ो कर दओ हतो, सिकन्दर ने हाथ से इसारो करके बचाव में बैठक हां बोलबो चाहो।
परन्त पिरभु हम हां दांड़ देके हुंसयार करत आय, कि संसार के संग्गै हम पे लांछन खोरी न आबै।
और हम तईयार रैत आंय कि जब तुम मसीह की अग्यां मानबो पूरो कर लेओ, तो जौन अग्यां तुम ने नईं मानी उनको बदला लेबें।
ईसे में तुमाए पीठ पाछें जौ लिखत आंव, कि उते आके जौन अधकार मोहां मिलो आय जीहां पिरभू ने बिलोरबे हां नईं अकेले बनाबे हां मोहां दओ आय, कर्रे होकें कछु करने न पड़े।
ऐसे मान्स हां अपनो बैरी न मानियो, परन्त ऊहां आपनो भईया सोच के समझात रईयो।
कछु जनी तो भटक के शैतान छलिया के से काज करत आंय।
इन बातन हां उन हां बतात रै, और प्रभु के सामूं चितात रै, कि बहस न करें, ऊसे कछु नईं बनत; परन्त मान्स बिलुर जात आय।
उनकी बातें मानो सड़े घाव जैसे बढ़त जै है: हुमिनयुस और फिलेतुस उनईं में से आय।
कायसे मान्स स्वार्थी, लोभी, डींग माबेवारो, बुराई करबेवारो, और मताई बाप की कई नईं करबेवारो, और बुरओ हुईये।
तुम बिसर गए आव कि पोथी में ऐसो लिखो हतो, कि पिरभू की बातन हां हलके न लेओ, और बो जब तुम हां सुधारे तो हिम्मत न हारियो।
मैंने एक जनावर हां समुन्दर में से कड़त हेरो, जीके दस सींग और सात मूंड़ हते; और ऊके दसई सींग पै राजमुकुट हते, और ऊ की मूड़ पै निन्दा के नाओं लिखे हते।
मैं जिन हां प्रेम करत आंव, उन सब हां चितात और उन हां सजा देत आंव, सो अब चेतो और अपने बुरय कामन हां छोड़ो।