7 कायसे जौन सोत आंय, बे रात हां सोत आंय, और जौन पियत आंय, बे सोई रात में पियत आंय।
सब जने मान्स पेंला उमदा दाखरस देत आय और जब लोगबाग पीके अफर जात आंय, तब घटिया देत आंय; तेंने तो उमदा दाखरस अबै लौ धरें रओ।
जे नसे में नईंयां, जैसो तुम समज रए आव, कायसे अबै तो पहर ही दिन चढ़ो आय।
जैसो दिन में सई लगत आय, ऊं सई हम सूदरी चाल चलें; न अपनी मनमौजीपन में, न परतिरिया भोग में, न दारूबाजी, न लुच्चपन में, न लड़ाई झगड़ा न डाह में।
धरम के लाने जाग उठो और पाप न करो; कायसे कि कितेक ऐसे आंय जौन परमेसुर को नईं जानत, मैं तुम हां लजाबे हां जौ कैत आंव।
ईसे बे कैत आंय, कि सोबेवारे जागो और मरे भय में से जी उठौ; तो मसीह की जोत तुम पै चमक है।
और दाखन के रस पीके बेसुर्त न हो, कायसे ऐसे में बुरय काम होत आंय, पै आत्मा से भरत जाओ।
अपने अधरम कौ फल उनईं हां मिल है, उन हां दिन दुपारी सुख विलास करबो साजो लगत आय; बे कलंक और दागी आंय, जब बे तुमाए संग्गै खात पियत आंय, तब अपनी कुदाऊं से प्रेम भोज करके भोग विलास करत आंय।