मालक ने ऊ अधरमी भण्डारी हां सराहो कि ऊ ने चतुराई से काम करो आय; कायसे ई संसार के मान्स अपनी बेरा के मान्सन के संग्गै रीत व्यवहारों में ज्योत के मान्सन से ज्यादा चतुर आंय।
कि तें उन की आंखन हां खोले, जीसे की बे अंधयारे से उजयारे की कोद, और शैतान के राज्य से परमेसुर की कोद फिरें; जीसे की बे पापन की क्षिमा, और उन लोगन के संग्गै पदवी पाबें, जौन मोय पे भरोसा करबे के द्वारा पवित्र भए आंय।
अब मैं तुम हां नई अग्यां लिखत आंव; जौन परमेसुर ने तुम हां मानबे हां कहो आय; कायसे तुमाए हिये को अंधियारो मिटत जात आय, और सच्ची ज्योत अब तुम में चमकन लगी आय।