अन्ताकिया की मडण्ली में कछु आगमवक्ता और गुरू हते; जैसे बरनाबास और शमौन जो नीगर कहात आय; लूकियुस कुरेनी, और देस की चौथाई के राजा हेरोदेस कौ दूधभाई मनाहेम और शाऊ ल।
फिन कोऊहां अचरज के काम करबे हां सक्ति; और कोऊहां अगमबानी की; और कोऊहां आत्माओं की जांच परख; और कोऊहां कुल्ल भांत की भाषा; और कोऊहां भाषा कौ मतलब बताबो।
और परमेसुर ने मण्डली में अलग अलग मान्स राखे आंय; पेंला प्रेरित, दूजे अगमवकता, फिन गुरूजन, फिन अचरज के काम करबेवारे, फिन साजो करबेवारे, और भलाई करबेवारे, और मुखिया, और बिलात भांत की भाषा बोलबेवारे।
और जदि मैं अगमवानी कर सकों, और सब भेदों और ज्ञान को समजों, और मोय इते लौ पक्को बिसवास होबे, कि मैं पहारवन हां हटा देओं, परन्त प्रेम न धरों, तो मैं कछु लौ नईंयां।