13 और बे जो करत आंय ऊसे उन हां मान करो; और अपने बीच मेल-मिलाप से रओ।
तब ऊने अपने भईयों हों बिदा करो, और बे चल दए; और ऊने उनसें कई, “गैल में कछु भी झगड़ा नें करियो।”
जौन तुम हां अपनात आय, बो मोय अपनात आय; और जौन मोय अपनात आय, बो मोरे पठैबेवारे हां अपनात आय।
नोंन अच्छो आय, पै अगर नोंन कौ नोंनपन जात रए, तो ऊहां कीसे स्वाद में कर हौ? अपने में नोंन राखौ और आपसी में मेल-जोल से रऔ।
मैं तुम हां जे हुकम ई लाने देत आंव, कि तुम एक दूसरे से प्रेम करो।
सो भईया हरौ, सुखी रओ; पक्के होत जाओ; हिम्मत राखौ; एक मन राखौ; जुड़के रओ, और प्रेम और सान्ति को दैबेवारो परमेसुर तुमाए संग्गै होबै।
और तुम ने सोई मोरी हालत पे ध्यान नईं दओ जौन तुम हां बिलोर सकत हती, तुम ने मोहा हल्को नईं जानो; और घिनाए नईं; अकेले मसीह के दूत जैसो मोहां अपनाओ।
अकेले आत्मा के फल प्रेम, आनन्द, मेल मिलाप, धीरज धरबो।
जौन धरम पोथी की बातें सीखत आय, बो सब नोंनी बातन में सिखाबेवारे हां सोई जोड़े।
और मेल से एक होकें आत्मा में एक होबे की कोसिस करो।
तुम सबरे जनें यीशु मसीह की देह के मानो अंग आव और सान्ति से रैबे हां जुड़े आव, सो जानो सान्ति पिरभू से मिलत आय, ऊ तुमाए सोच हां संभाले और तुम उन हां धन्नवाद देत रओ।
भईया हरौ, हम बताएं कि जौन की चाल ठीक नईंयां उन हां समझाओ, और जौन पाछें आंय उन हां बढ़ाओ, और सबरन की सहो।
अब पिरभू जौन सान्ति दैबेवारे आंय खुद तुम हां सबरी बातन में सान्ति दैबे: पिरभू तुमाए संग्गै रैबें।
जवानी की अभलाखा से दूर बनो रै; और जौन साजे मन से पिरभु हां मानत आंय, उनके संग्गै धरम और प्रेम से चलो, और दूसरे जनन से मिले रओ।
सबरे जनों से मेल राखो, और साजे रओ ईके बिना तुम परमेसुर हां न तक पा हौ।
जौन मेल मिलाप करात आय, बा धर्म कहात और ऊहां मेल मिलाप के संग्गै बोओ जात है।