1 अब भईया हरौ, जो कबै और कौन दिना हुईये हम कछु नईं लिखत।
जब बो जैतून पहरवा पे बैठो हतो, तो ऊके चेले आके ऊसे कैन लगे, हम हां बता की जे बातें कबै हुईयें? और तोरे आबे की, और ई जुग के अन्त की का चिन्हार हुईये?
ऊ दिन या ऊ घड़ी के बारे में कोऊ नईं जानत; न तो सरग के दूत, और न पूत, पर केवल बाप।
यीशु ने उन से कओ; उन समयों या कालों हां जानबो, जिन हां पिता ने अपने ही अधकार में धरो आय, तुमाओ काम नईंयां।
अब ऊ सेवा जौन पवित्तर लोगन के काजें होत आय, मोय तुम हां जौ लिखो नईं चईये।
सो इन बातन से एक दूजे हां सान्ति बंधाओ।
और भईयन में प्रेम के काजें मैं का लिखों; कायसे एक दूजे से प्रेम के लाने तुम ने परमेसुर से सीखो आय।
प्यारे जनो, मैंने जब तुम हां मुक्ति जौन हम सबन हां मिली ईके बारे में खुलके लिखो, तो मैंने सोची के जिन बातन पै तुमने बिसवास करो आय खुल के लिखो, कि तुम ऊ बिसवास की बातन हां मानो।