तें तौ मुतके साल लौ उनकी सहत रओ, और अपनी आत्मा सें अागमवक्तन के द्वारा उनहों चिताऊत रओ, परन्त बे कान नईं लगात हते, ई लाने तेंने उनोंरन हों देस देस के लोगों के हाथ में कर दओ।
हे ठट्ठौ करबेवालो, हेरो, और अचरज करो, और मिट जाओ; कायसे मैं तुमाए दिन में एक काज कर रओ आंव; ऐसो काज, जीकी अगर कोऊ तुम से चरचा भी करे, तो तुम कभऊं ऊ की बातन कौ भरोसा न करियो।
उन पे जौ उजागर करो गओ, कि बे अपनी नोंई परन्त तुमाई सेवा के लाने जे बातें कओ करत हते, जी की खबर अब तुम हां उन से जौन सरग से पठैओ गओ: तुम हां भलो सन्देसो सुनाओ, और इन बातन हां सरगदूत सोई ध्यान से देखबे की मनसा राखत आंय।