2 तुम हां पता आय कि पैली बेरा हम फिलिप्पी में गए, तो कैसो दुख और परेसानी हम पे पड़ी, परन्त परमेसुर ने हम हां ऐसी हिम्मत दई, कि हम परमेसुर की बातें बिरोध में सोई सुनात रएं।
ई लाने बे उते बिलात दिन लौ रए, और प्रभु पे भरोसा धरत भए, बेखटके परचार करत रए, और प्रभु उन के हाथन से चमत्कार और अचरज के काज करवा के अपनी आसीस के बोलन की गवाही देत रओ।
पर पौलुस ने उन से कई, उन ने हम हां जौन रोमी आंय, बिना दोसी ठहराए, सब के सामूं पिटवाओ और जेलखाने में डलवाओ और अब काय बे हम हां चुपके से कड़बे हां कैत आंय? जौ नईं हो सकत आय, बे खुद आके हम हां बायरें काड़ें।
ऐई से मैं जे दुख उठा रओ आंव, और लजात नईंयां, कायसे मैंने जिन पै बिसवास धरो आय उन हां जानत आंव; और मोहां पक्को आय, कि जौन जीवन मैंने उन हां दे दओ आय ऊहां साजो धरे रै हैं।
प्यारे जनो, मैंने जब तुम हां मुक्ति जौन हम सबन हां मिली ईके बारे में खुलके लिखो, तो मैंने सोची के जिन बातन पै तुमने बिसवास करो आय खुल के लिखो, कि तुम ऊ बिसवास की बातन हां मानो।