जब तें अपने मु ई के संग्गै हाकम के ऐंगर जा रओ आय, तो गैल में ऊसे छूटबे कौ जतन कर, ऐसो न हो, कि बो तोहां न्यायधीश के सामूं ले जाबे, और न्यायधीश तोहां सिपाई हां सौंपे और सिपाई तोहां जेहल में डाले।
हे भईया हरौ, मैं नईं चाहत, कि तुम ई बात से अनजान रओ, कि मैंने तुम लौ बेर बेर आबो चाहो, कि जैसो मोय दूसरी जातवारन में फल मिलो, ऊं सई तुम में सोई मिले, पर अबै लौ रुको रओ।
परन्त अबई तीमुथियुस ने तुमाए ऐंगर से लौट के तुमाए बिसवास और पिरभू में तुमाए प्रेम की खबर सुनाई, कि तुम हम हां याद करत आव, और हम हां देखबे को मन करे आव, जैसो हम तुम हां देखबो चाहत आंय।