परन्त मैं जो कछु आंव, परमेसुर की दया से आंव: और उनकी जौन दया मो पे भई आय, बा अकारथ नईं गई; परन्त मैंने उन सबरन से बढ़के मैनत सोई करी: जानो कि जौ मोरी कुदाऊं से नईं भओ परन्त परमेसुर की दया से जौन मो पे हती।
मोरो जाबो ईसुर के बताए भओ: और जो बचन में अन्य जातियन में परचार करत हों, बो मैंने उन हां बता दओ; पै अकेले में उन हां जौन बड़े कहात हते, कि ऐसो नईं होबे, कि मोरी अबै की, और आंगे की दौड़ बेकार जाबै।
सो हम परमेसुर को धन्न मानत आंय; कि जब परमेसुर की बातें तुम ने सुनीं, तो तुम ने ऊहां मान्सन की नईं, परन्त परमेसुर की बातें लेखी (जा सांची आय) और अब तुमाए जीवन में दिखात आय।
जौ सब ऊ दिना हुईये, जब पिरभू अपने मानबेवारन में जस पाहें, और सबरे बिसवास करबेवारन में अजूबा दिखा है; कायसे जौन बातें हम ने तुम हां बताई हतीं उन हां तुम ने मानो आय।