हम भी तुमाए घांई मान्स आंय, और तुमहां ई लाने सन्देसो सुनात आंय, कि तुम इन बेकार की बातन हां छोड़के जीयत परमेसुर की कोद फिरो, जीने सरग, धरती, समुन्दर और जौन कछु ऊ में आए सबई हां बनाओ।
सो हम परमेसुर को धन्न मानत आंय; कि जब परमेसुर की बातें तुम ने सुनीं, तो तुम ने ऊहां मान्सन की नईं, परन्त परमेसुर की बातें लेखी (जा सांची आय) और अब तुमाए जीवन में दिखात आय।