5 हे नए जवानो, तुम सोई धार्मिक बूढ़ों के नेंचें रओ तुम सबरे एक दूजे के लाने दीन और नरम बनो, कायसे परमेसुर घमंडियों कौ सामनो करत आय, परन्त बो दीनो पे दया करत आय।
अपने गुरु जनों की मानो बे तुमाए जीवन हां तकें रैत आंय; कायसे बे परमेसुर हां तुमाए लाने लेखो दै हैं, बे जो काज खुसी से करें, बोझो न समझें, कायसे ऐसी सेवा से तुम हां कोई फायदा न हुईये।