8 सब से ऊं ची बात जा आय कि एक दूजे से अधक से अधक प्रेम करो; कायसे प्रेम सबरे पापन हां ढांक देत आय।
जदि मैं मान्सन और सरगदूतन की बोलियां बोलों, और प्रेम न धरों, तो मैं ठनठानात भओ पीतल, और झनझानात भई झांझ आंव।
प्रेम धीरज धरत आय, दया करबेवारो आय; प्रेम बैर की गांठ नईं बाधें रैत; प्रेम अपनी बड़वाई नईं करत, और घमण्ड में नईं बनो रैत।
प्रेम सब में बढ़के आय और प्रेम में सबरी बातें जुड़ी रैत आंय।
और पिरभू ऐसो करे, कि जैसे हम तुम से प्रेम राखें आंय; ऊं सई तुम एक दूजे से, और सबरे मान्सन से प्रेम करो, तो तुम बढ़त जै हौ।
भईया हरौ, तुमाए लाने हम हां परमेसुर को धन्न मानो चईये, और जौ सांचो आय कि तुमाओ पिरभू पै बिसवास बढ़त जात आय, और तुम एक दूजे से खीब प्रेम करत आव।
मोरे कैबे को मतलब जौ आय, कि सांचे मन और साजे हिये से, और बैर न रखबेवाले के बिसवास से प्रेम बढ़त आय।
एक दूजे की खबर राखो।
हे मोरे भईया हरौ, सब से साजी बात जा आय कि कौल न करियो; न सरग की, न संसार की, न कोऊ और बस्त की, पर तुमाई बात चीत हां की हां, और नईं की नईं होबै, जीसे तुम हां दण्ड न मिले।
तो बो जौ जान लेबे, कि जौन कौनऊं भटके भए पापी हां फेर ले आ है, बो एक प्रान हां मरबे से बचा है, और कुल्ल के पाप मिट जै हैं।
सो जब तुम ने भाईचारे की निश्चल प्रीति के लाने सत्य के मानबे से अपने हियन हां पवित्तर करो आय, तो तन मन लगा के एक दूजे से अधक प्रेम करो।
प्यारे भईया, मोरी जा बिन्तवारी आय; जैसे तें हिये की बातन में बढ़ रओ आय, ऊं सई सबरी बातन में बढ़े, और भलो चंगौ बनो रैबे।