ई लाने कि जदि इन में से कोई ऐसे होंय जौन बचन हां न मानत होबें, पर तुमाए डर संग्गै पवित्तर चाल चलन हां तक के बिना बचन के अपनी अपनी बईयर के चाल चलन के द्वारा खिंच जाबें।
ऊंसई हे मन्सेलू हरौ, तुम सोई समजदारी से बईयरन के संग्गै जीवन बिताओ और बईयर हां अबला जान के ऊकौ मान करौ, और जौ समज के, कि तुम दोई जीवन के बरदान के हक्कदार आव, जीसे तुमाई बिन्तवाई रुक न जाबै।
बा बेरा आ पोंची आय, कि पेंला परमेसुर के मान्सन कौ न्याय करो जाए, जब न्याय कौ शुरू हमई से हुईये, तो उनकौ का अन्त हुईये जौन परमेसुर के भले सन्देसे हां नईंर् मानत आंय।