ई काजें कि बे परमेसुर हां जानत हते, तो भी उन ने परमेसुर की बड़वाई और धन्नबाद नईं करो, परन्त अपने हियन से बेकार के सोच विचार करन लगे, और उन कौ अज्ञानी मन अंधेरो हो गओ।
कायसे हम पेंला, मूरख और परमेसुर की अग्या न मानबेवाले, और दुबधा में हते, और भांत भांत की चाहना करत हते, और मजा मौज चाहत हते और अदावट धरें हते, और दूसरन को बुरओ सोचत हते, और बहुत घिना हते और दूसरन से बैर मानें हते।
दूसरी जातन में तुमाओ चाल चलन सई रैबे; ई लाने कि जौन जौन बातन में बे तुम हां बुरए काम करबेवारो जान के बदनाम करत हते, बे तुमाए साजे कामन हां तक के; उनईं के काजें, दया किरपा के दिना परमेसुर की मईमां करें।
और अपनी समज सोई सुद्ध राखो, ई लाने कि जिन बातन के बारे में तुमाई बदनामी होत आय, उन के बारे में बे जौन तुमाए मसीही साजे चाल चलन कौ अपमान करत आंय लज्जित होबें।
परन्त जे मान्स बिना समजवारे जनावर घांई आंय, जौन पकड़े जाबे और नास होबे के लाने पैदा भए आंय; जिन बातन हां बे जानतई नईंयां, उन के लाने दूसरन हां बुरो भलो कैत आंय, बे अपनी सड़ाहट में खुद सड़ जें हैं।