10 तुम पेंला तो कछु न हते, पर अब परमेसुर की परजा आव; तुम पे दया न भई हती परन्त अब तुम पे दया भई आय।
मैं फिन कैत आंव, का इस्राएली न जानत हते? पेंला तो मूसा कैत आय, मैं उन के द्वारा जौन जाति नईंयां, तुमाए हियन में जलन पैदा कर हों, मैं एक मूरख जात से तुम हां रिस दिला हों।
कायसे जैसे तुम ने पेंला परमेसुर कौ हुकम न मानो पर अबै ऊ को हुकम न मानबे से तुम पे दया भई आय।
कुंआरिअन के लाने पिरभु कौ कोऊ हुकम मोहां नईं मिलो, परन्त बिसवास जोग होबे के लाने जैसी किरपा पिरभु ने मो पे करी आय, ओई के अनसार सलाय देत आंव।
मैं तो पेंला बुरई बातें कैबेवारो, दूसरन हां सताबेवारो, और अन्धेर करबेवारो हतो; परन्त उन ने मोपै दया करी कायसे मैंने जो सबरी बातें बिन सोचे समझे करीं।
सो हम जब बिन्तवारी करें, तो अपने परमेसुर से ऐसे मांगें, कि बे हमाई सुनें और जो कछु हमें चाने होबै बो हम हां दैबें।