कायसे ऊकौ दूसरो छोर तो मौत आय, परन्त अब पाप से स्वतन्त्र होकें और परमेसुर के चाकर बन के तुम हां फल मिलो जीसे पवित्रता मिलत आय, और ऊके दूसरे छोर पै अनन्त जीवन आय।
जे सबरे जनें जौई बिसवास धरें मर गए; और जिन बस्तन की कई गई हती बे न पाईं; परन्त उन ने मानो कि आबेवारे दिना में ऐसो हुईये, अबै ई संसार में हम बाहरवारे परदेसी आंय।
जिन ने ऊ बीती बेरा में हुकम न मानो जब परमेसुर नूह के दिना में धीरज धर ठैरो रओ, और जहाज बन रओ हतो, जीमें बैठ के तनक जने, जाने कि आठ प्रानी पानू से बच गए।