आगे परमेसुर जौन सांचे आंय मोरे काजें धरम को मुकुट धरें आंय, जौन मोहां दै हैं और मोहां नईं, परन्त उन हां सोई दै हैं, जौन उनके फिन के आबे की प्रेम से बाट तकें आंय।
ऊंसई पिरभू यीशु मसीह बिलात जनों के पापन हां हरबे हां एकई बेर बलदान भए, और जब बे फिन के संसार में आहें तो पाप हां हरबे हां नईं, परन्त जौन उनकी आस लगाए आंय उनको तरन तारन कर हैं।
पर मसीह हां पिरभु जान के अपने अपने मन में पवित्तर समजो, और जौन कोई तुम से तुमाई आसा के बारे में कछु पूंछे, तो ऊ ए जवाब देबे के लाने हमेसा तईयार रओ, पर नरमता और डर के संग्गै।
मैं ने सिलवानुस के हाथ, जिये मैं बिसवास जोग भाई मानत आंव, तनक में लिख के तुम हां समजाओ आय और जा गवाय दई आय, कि परमेसुर की सांची दया जाई आय, ऐई में पक्के बने रओ।