3 परमेसुर को प्रेम ऐसो आय, कि हम उनकी कई करें; और उनकी अग्यां कठन नईंयां।
बे भारी बोझा बान्ध के मान्सन के कंधा पे तो लदवा देत आंय; पर खुद उन हां अपनी उंगरियन से छूबो नईं चाहत।
जदि तुम मोसे प्रेम रखत आव, तो मोरी अग्या को मान हौ।
जदि तुम मोरे हुकुम कौ पालन कर हौ, तो तुम मोरे प्रेम में बने रै हौ, वैसई जैसो मैंने अपने बाप के हुकम को मानो है, और ऊके प्रेम में बनो रहत आंव।
जौन हुकम मैं तुम हां देत आंव, अगर ऊहां मानो, तो तुम मोरे चेला कहा हौ।
ई लाने नेम व्यवस्था पवित्तर आय, और हुकम सोई सई और साजो आय।
कायसे मैं भीतर आत्मा से परमेसुर की व्यवसथा से खुस रैत आंव।
पिरभू कैत आय, कि अब जौन कौल मैं उन के संग्गै बांध हों, बा ऐसी आय, कि मैं अपने नैम हां उनके हिये और जी में डाल हों, और बे औरें मोरे जनें हुईयें और मैं उन को परमेसुर हुईयों।
जब हम उनकी अग्यां मान हैं, तो पता पड़ है कि हम उनकी कई करत आंय।
प्रेम ऐसो, कि उन ने जौन अग्यां दईं आय, उन हां जिन हां हम ने पेंला से जानो आय उन पै चलो।